Mig-21 Crash: क्या मिग-21 फाइटर्स बन गए हैं 'उड़ते ताबूत'? जानिए इस विमान के बारे में पूरी जानकारी

राजस्थान के बाड़मेर में भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान की किस्मत में एक मोड़ आया। घटना के अंदर मिग-21 ट्रेनर विमान के दोनों पायलटों की जान चल

 

Mig-21 Crash

Mig-21 Crash

राजस्थान के बाड़मेर में भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान की किस्मत में एक मोड़ आया। घटना के अंदर मिग-21 ट्रेनर विमान के दोनों पायलटों की जान चली गई। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। इस घटना ने एक बार फिर मिग-21 विमान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, यह पहला मामला नहीं है जब मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो। आम दुर्घटनाओं और यू के बहादुर दस्ते के निधन के कारण। एस । ए., मिग-21 विमान को 'उड़ता ताबूत' भी कहा जाने लगा है। आइए जानते हैं इस विमान के बारे में पूरी जानकारी...

सबसे पहले लगभग मिग-21 को पहचानें

मिग-21 को मिकोयान गुरेविच के नाम से भी जाना जाता है। यह सोवियत काल के उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक है। यह सोवियत संघ (उपहार-दिन रूस) की मिकोयान कंपनी द्वारा निर्मित में बदल गया। इसने 1955 में अपनी पहली उड़ान भरी और 1959 में इसे आधिकारिक रूप से सेना में शामिल किया गया। इस विमान के आगमन के पीछे मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ और पश्चिमी देशों के बीच प्रतिस्पर्धा में बदल गया। सोवियत संघ इसके जरिए अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों को जवाब देना चाहता था।

IAF में कब शामिल हुए?

मिग-21 विमान साल 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया। उस समय के सबसे बेहतरीन विमानों में से एक होने के नाते भारत ने अपने बेड़े में कुल 874 मिग-21 विमान शामिल किए थे। इनमें से ज्यादातर विमानों का निर्माण भारत में किया गया था। हालांकि, अब इस विमान का निर्माण रोक दिया गया है। भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इसे लाइसेंस के नीचे बढ़ाया है।

हादसों की लंबी सूची

भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान में घायल होने की फेहरिस्त काफी लंबी है. साल 2021 में करीब पांच मिग-21 विमान तकदीर के मोड़ का शिकार हुए थे। इससे पहले 2013 में दो मिग-21, 2014 में तीन, 2015 में दो, 2016 में तीन, 2018 में दो और 2019 में तीन क्रैश हुए थे। इससे पहले साल 2012 में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था। कि 482 मिग-21 विमान वर्ष 2012 तक वायु सेना में शामिल होने के आधार पर दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। इन हादसों में 171 पायलट, 39 नागरिक और आठ अन्य मारे गए हैं। इसके बाद भी साल दर साल ये विमान चोटों का शिकार होते रहे।

एक विमान के लक्षण क्या हैं?

मिग-21 विमान को भारतीय वायु सेना का पहला बेहद अच्छा सोनिक विमान माना जाता है। ये विमान ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। इसका उपयोग दुनिया भर के 60 से अधिक देशों द्वारा किया जाता है। भारत के लिए भी मिग-21 ने कई महत्वपूर्ण मौकों पर गेम चेंजर की भूमिका निभाई है। 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में इस विमान ने बहुत बड़ा योगदान दिया।